Sunday, September 20, 2009

चलना ही जिंदगी हैं
चलते चलते अब थक गया हूँ
इसलिए बैठ गया हूँ
क्या चलना ही जिंदगी हैं
हाँ चलना ही जिंदगी हैं
क्या चाँद थकता हैंक्या सितारे थकते हैंक्या सूरज थकता हैं
तुम भी अजीब हो कहाँ मैं कहाँ सूरज कहाँ ये चाँदकहा ये सितारे और कहा हम बिलकुल थके हारे
अरे वही तो सूरज जो सोचले मैं थक गया हूँ तो अँधेरा हो जायेगा
चाँद अगर निकलना बंद कर दे तो खूबसूरती की शायरियां अधूरी रह जाएँगी
और सितारे अगर टीम टिमाना बंद करदे तो
पत्निया पतियों को बोलेंगी जाओ जाओ अमरुद ही तोड़ लाओ पेड़ से
तो सोचोसोच से हैं दुनिया सारी
सोचने से हैं दुनिया हारीये
जो मन हैं जो हमें थकता हैं
ये जो मन हैं जो पकता हैं
बस एक बार अपनी सोच बदल मेरे यार
बड़े प्यार से अपने मन को अपना बना यार
थकान को फूँक मार के उड़ा और अपनी जीत का परचम लहराहाँ
सही हैं चलना ही जिंदगी हैं
तुम भी सितारे बन कर चमकोगे जब तुम चलते चलोगे

Wednesday, April 1, 2009

आप हाँ आप ही सबमे हैप्पी हो

Are u feeling depressed has life turned blue do u feel uare only suffering if yes the pain through which we go is very very less when we see around the world we are far better than many just need to sit take alittle time and go on seeing others
मेरी एक कविता आपको अंधेरे मैं रौशनी दिखाने की एक छोटी कोशीश
आया जो मैं यहाँ
तो दंग रह गया
देख कर दुनिया के
दुःख
यह समझ गया
मेरा दुःख तो एक तिनका हैं
जहाँ मैं तो दुनिया के
पास दुखों के पहाड़ हैं
फिर भी उनमें होसले
और जिन्दादिली से जीने
की साहस हैं
हिम्मत और मेहनत की एक
फूँक मैं भी मारू
तो ये मेरे पास आया
तिनका भी उर्र उर जाएगा
और मेरा जीवन भी फिर सुनहरा
हो जाएगा